प्रधानचार्य का पद किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पद होता हैं। संस्था का उत्थान , प्रधानचार्य की प्रशासनिक क्षमता और नेतत्व एवं सामंजस्य की योग्यता पर निर्भर करता हैं। श्रीमती साधना त्रिपाठी विद्यालय की संस्थापक प्रधानाचार्या थी वर्ष २००९ में प्रबंधक जी ने कार्यरत शिक्षक श्री राजेंद्र प्रसाद अवस्थी की प्रधानाचार्य के पद पर समर्पण को देखकर नियुक्ति की। अवस्थी जी ने प्रबंधक जी के साथ सामंजस्य स्थापित कर वर्ष २०१५ में इंटरमीडिएट विज्ञानं वर्ग वित्त विहीन मान्यता प्राप्त की हैं। जो एक उपलब्धि हैं। वर्ष २००१ से अनवरत विद्यालय का परीक्षा परिणाम ८०% से ८७ % के मध्य ही आरहा हैं। सभी शिक्षक शिक्षकाओं और कर्मचारियों के साथ अवस्थी जी के मधुर सम्बन्ध रहते हैं।
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